काल रात्री
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
नावरात्रीं के पावन त्यौहार पर जाने माता दुर्गा के सभी रूपों को । और कौन से दिन क्या करे

यह सातवा स्वरूप है इस माता का स्वरूप काया रात्री के समान काला होता है।और नवरात्री में माता के इस स्वरूप उपासना करने से ब्रम्हाण के सारे सिद्धियो के द्वार खुल जाते है और सारी बुरी शक्तियॉं दूर भगने लगती हैं।माता कालरात्री के उपासना से सारे भय नष्ट हो जाते हैं।और सदैव शुभ फल की प्राप्ति होती हैं।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
नावरात्रीं के पावन त्यौहार पर जाने माता दुर्गा के सभी रूपों को । और कौन से दिन क्या करे
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